Thursday 3 September 2020

माइ बॉडी माइ चॉइस: यू एस ए और मास्क (2)

हमारी वर्तमान समझ के हिसाब से उचित तरीके से मास्क का उपयोग कर इस संक्रमण से काफी हद तक बचा जा सकता है। अगर नजर डालें, तब यह बात प्रमाणित भी हुई है कि जिन देशों में लोगों ने मास्क लगाने को गंभीरता से लिया है,उन देशों में संक्रमण की दर काफी कम है।

'वैक्सीन' का सभी को बेसब्री से इंतज़ार है ताकि हम जल्द- से -जल्द अपनी सामान्य ज़िन्दगी में वापिस लौट पायें। परन्तु इसके बन पाने और उसके बाद व्यापक रूप से टीकाकरण में कितना समय लगेगा, यह अभी कहा नहीं जा सकता। तब तक हमें संक्रमण से बचने के विभिन्न उपायों यथा मास्क का उपयोग, हाथों को धोते रहना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन,जरूरी कामों के लिए ही बाहर निकलने इत्यादि को अपने दैनिक जीवन-व्यवहार में समाहित करना ही होगा, यह तय है। ऐसे में, कुछ देशों में हो रहे एंटी मास्क प्रोटेस्ट का किया जाना चिंतनीय है. और-तो-और इग्नाइट फ्रीडम हैशटैग के साथ फेसबुक पर 'बर्न योर मास्क चैलेंज' पोस्ट डालकर लोगों को अपने- अपने मास्क जलाकर वीडियो पोस्ट करने के लिए उत्साहित किया जाना या फिर कैलिफ़ोर्निया में मास्क पहनने को अनिवार्य घोषित किये जाने के बाद एक उच्च सरकारी अधिकारी को जान से मार दिए जाने की धमकी दिए जाने जैसी घटनाएं निंदनीय भी। 

इन्हीं घटनाओं के सन्दर्भ में कुछ दिन पहले ही फ्लोरिडा में कुछ लोगों ने एकजुट होकर अपने मास्क के विरुद्ध होने के कारणों को गिनाया।इन कारणों में सरकारों द्वारा 'मास्क' को अनिवार्य घोषित किये जाने से लोगों की स्वयं निर्णय लेने की स्वतंत्रता का हनन से लेकर प्लें -डेमिक जैसी कन्स्पिरसी थ्योरी तक शामिल थे । एंटी- वैक्सीन एक्टिविस्ट के रूप में जाने जानी वाली जुडी मिकोविट्स की २६ मिनट की डॉक्युमेंटरी का भी ज़िक्र था जिसमें बड़े-बड़े फार्मा कंपनियों के साथ - साथ बिल गेट्स एवं विश्व स्वाथ्य संगठन को भी इस महामारी के लिए दोषी ठहराया गया है। सोशल मीडिया पर यह खूब वायरल भी हुआ। हालांकि जल्द ही गलत सूचनाएं प्रसारित करने के लिए इसे कड़वी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा और तुरंत ही फेसबुक, यूट्यूब, वीमियो ,ट्विटर आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से इस विवादास्पद वीडियो को हटा भी दिया गया। इस वीडियो में किये गये दावे जैसे किसी एक लैब में वायरस का निर्माण या इस वायरस के टीकाकरण के माध्यम से लोगों में इंजेक्ट किया जाना या फिर मास्क पहनने से कोरोनोवायरस संक्रमण होने का खतरा आदि ने कुछ लोगों को भड़काने का काम किया। 

यूएसए के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के मास्क को लेकर रवैये ने भी आग में घी का काम किया। जहाँ CDC (सेंटर्स फॉर डिजीज कण्ट्रोल) द्वारा मास्क न लगाने को 'एक क्रूर गैर जिम्मेदाराना हरकत और किसी की हत्या करने के समान' घोषित किया जाता है वहीँ ट्रम्प द्वारा इसे 'स्वैच्छिक' घोषित किया जाना हास्यास्पद है. उनके द्वारा दिए गए कई बयानों की भी मास्क के उपयोग को लेकर देश में अजीब सी परिस्थिति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही। अपने दौरे के दौरान कई जगहों पर राष्ट्रपति ट्रम्प कानून के खिलाफ जाकर बिना मास्क पहने दिखाई दिए। हालाँकि विशेषज्ञों और कई राज्य सरकारों द्वारा बार -बार अनुरोध किये जाने के उपरांत उन्होंने मास्क पहनने के महत्त्व को समझा और इसके परिणामस्वरूप मास्क का विरोध करने वाले कई लोगों ने अपने विचारों में बदलाव भी किये!